Friday, June 12, 2009

धंधा धर्म का

आजकल धर्म के नाम पर धार्मिक गुरुओं ने जबरदस्त धंधा शुरू कर रखा है। किसी भी कथा या सत्संग में जाकर देखे तो ९५% महिलाओ की भीड़ रहती है। महिलाये बड़ी भावुक होती है। संत लोग बड़ी आसानी से इन्हें अपने जाल में फांस लेते है। फिर पंडाल के बहार लगी दुकानों से किताबें,सी डी, माला,
दवा और ऐसी ही न जाने कितनी ही चीजें खरीदने को मजबूर कर देते है। महिलाओ में अंधविश्वास भी कूट कूट कर भरा होता है। इसी अंधविश्वास की आड़ में इनका शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण भी होता है। आज के इन कलयुगी साधू संतो के चक्कर में किसी भी महिलाओ को नहीं पड़ना
चाहिए। ये लोग धर्म की आड़ में जनता को ठगते है। संत जडेजा को ही देख लीजिये, जनता के ७० करोढ रुपये ठग लिए । जनता ही महा बेवकूफ है ,
जो लालच में आकर इन पाखंडियो को अपना सब कुछ लुटा देते है। यदि इन सबसे निजात पाना है तो लोगो को खासकर महिलाओ को अंधविस्वास से
दूर रहना होगा । - समीर कुमार मंडल , मेरठ 09897389264